Dhumketu क्या है. #धूमकेतु C/2020 F3\ NEOWISE न्यूज़ इन हिन्दी.


dhumketu kya hai .........      #neowise comet news.



साल 2020 जब से शुरू हुआ है एक के बाद एक चमकत्कारिक घटना और दुर्घटना देखने को मिल रही है | कोरोना महामारी, राजनितिक उथल फुथल के बाद ,उल्का पिंड की घटना , चक्रवात की घटना , सरहद पर चीन से गहमागहमी के बाद 2020 में एक और घटना देखने को  मिल रही है,


 वैज्ञानिको के अनुसार धूमकेतु C/2020 F3 जिसे NEOWISE से भी जाना जाता है, भारत में 14 जुलाई से आने वाली 20 रातों तक पुरे भारत में दिखाई देगा |   

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह धूमकेतु नग्न आंखों से देखा जा सकता है।








आज के ब्लॉग में  हम बात करेंगे -
Dhumketu क्या हैं.
धूमकेतु कैसे बनते हैं.
भारत में 14 जुलाई से दिखेगा धूमकेतु NEOWISE.  










Dhumketu क्या हैं :-


धूमकेतु अरबो' करोड़ो साल पहले तारों और ग्रहों के बनने के बाद बचे हुए भाग हैं | सूरज से दूर अपना अधिकांश जीवन बिताते हैं | 




Dhumketu क्या हैं.भारत में 14 जुलाई से दिखेगा धूमकेतु NEOWISE.





धीरे धीरे धूमकेतु के आकर्षण के कारण बर्फ के टुकड़े और बादल इससे चिपकते रहते हैं |  इसलिए धूमकेतु को अक्सर "गंदे स्नोबॉल" के रूप में जाना जाता है। धीरे धीरे धूमकेतु का भार बढ़ता जाता है और Dhumketu  सूरज की प्रक्रिमा करने लग जाते हैं |  सूर्य के चारों ओर अपनी विशिष्ट बड़ी पूंछों के साथ घूमने से पहले, हम अपने सौर मंडल में जो धूमकेतु देखते हैं, वह रॉक और बर्फ के बड़े टुकड़े के रूप में बाहर निकलते हैं | 
#neowise comet\धूमकेतु भी रॉक और बर्फ के बड़े टुकड़े के रूप में है | 





RECOMMENDED FOR YOU-










धूमकेतु कैसे बनते हैं :- 

धूमकेतु कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और अमोनिया जैसे गैसों से बनते हैं, साथ ही  बर्फ, जिसमें धूल के कण और चट्टानी सामग्री एम्बेडेड होती है। 

जैसे ही एक धूमकेतु सूर्य के पास जाता है, तो सूरज की गर्मी धूमकेतु की सतह को पिघला देती है,

Dhumketu क्या हैं.भारत में 14 जुलाई से दिखेगा धूमकेतु NEOWISE.


जब dhumketu धूमकेतु  सूरज की तरफ बढ़ता है तो भाप में बदलता है जो हमे पूंछ की तरह दिखाई देता है| 
सौरमंडल में धूमकेतु सूर्य से दूर अपना अधिकांश जीवन बिताते हैं।




  • धूमकेतु दो क्षेत्रों में बनते हैं:
  • कुइपर बेल्ट, और ऊर्ट क्लाउड। 


कुइपर बेल्ट मुख्य रूप से बर्फीले पिंडों से बना एक डिस्क है जो नेप्च्यून की कक्षा से लगभग 50 एयू सूर्य से बाहर तक फैला है।
ऊर्ट क्लाउड सूर्य के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव (लगभग 50,000 से 200,000 एयू) के किनारों पर है  लघु-अवधि के धूमकेतु, जो 200 साल या उससे कम समय में सूर्य की परिक्रमा करते हैं, आमतौर पर कुइपर बेल्ट ऑब्जेक्ट होते हैं, जबकि लंबी अवधि के धूमकेतु जो सूर्य की परिक्रमा करने के लिए सैकड़ों या हजारों साल लेते हैं, आमतौर पर ऊर्ट क्लाउड से आते हैं।इस तरह धूमकेतु कुइपर बेल्ट और ऊर्ट क्लाउड में बनते हैं





भारत में 14 जुलाई से दिखेगा धूमकेतु NEOWISE :-


धूमकेतु C/2020 F3 जिसे NEOWISE के नाम जाता है, 14 जुलाई से भारत में भी दिखायी देगा.  वैज्ञानिकों के मुताबिक ये धूमकेतु (Comet) उत्तरी-पश्चिमी दिशा में आकाश में बिना किसी चश्मे और उपकरण के भी सीधे आँखों से आसानी से देखा जा सकेगा।




                                                     Dhumketu क्या हैं.भारत में 14 जुलाई से दिखेगा धूमकेतु NEOWISE.




  • कब दिखेगा धूमकेतु - सूर्यास्त के बाद 
  • दिशा - उत्तरी-पश्चिमी
  • क्षितिज - बीस डिग्री 
  • पृथ्वी से करीब होगा - 22 से 23 जुलाई को 
  • पृथ्वी से दुरी -10.3 करोड़ किमी। 





आज के ब्लॉग में हमने जाना- 
Dhumketu क्या हैं.

धूमकेतु कैसे बनते हैं. धूमकेतु की स्थिति आदि | 
आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट कर जरूर बताएं 



YOUR BEST TEACHER IS YOUR LAST MISTAKE...


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ