भारतीय तिरंगे jhande का इतिहास, tiranga फहराने के नियम व तथ्य
देश की आजादी desh ki aazadi के साथ ही देश के tirange ka Itihas भी बड़ा रोचक है | देश के झंडे/ tirange में समय के अनुसार कई परिवर्तन आये और आज tiranga हमारे देश का प्रतीक है, जिसे देख कर ही दिल में देश भक्ति की भावना उमड़ने लगती है | तिरंगे के खातिर ही कई देश भक्तो ने अपनी जान न्योछावर कर दी ताकि देश की शान का प्रतीक तिरंगा ऐसे ही शान से लहरहाता रहे |
आज के ब्लॉग में हम पड़ेंगे -
राष्ट्रीय ध्वज rashtriye dhavj संहिंता क्या है ?
तिरंगा फहराने के नियम tiranga fehrane ke niym ?
भारतीय तिरंगा bhartiye tiranga किस वयक्ति ने बनाया ?
तिरंगे के रंगों colour का महत्व क्या है ?
देश के jhande अथवा तिरंगे का इतिहास History of country's flag or tricolor:-
भारतीय झंडे (Indian flag) या प्रतीक की जरूरत सबसे पहले 1857 के समय महसूस हुई क्यूंकि सभी को एकत्र रखने तथा देश भक्ति की भावना के लिए एक pratik की जरूरत थी इसके बाद धीरे धीरे क्षेत्रीय स्तर पर लोगों द्वारा अपने प्रतीक या jhande का इस्तेमाल किया गया
bhartiye tiranga या राष्ट्र ध्वजः का इतिहास 1906 के समय से शुरू हुआ सबसे पहले स्वामी विवेकानद की शिष्य ने एक झंडा बनाया जो पूरा स्क्वायर था
इस झंडे को 1906 में kolkata के ग्रीन पार्क में पहली बार लहराया गया था |
दूसरा ध्वज peris में मेडन कामा तथा कुछ क्रांतिकारियों द्वारा 1907 में फहराया गया था |
तीसरा ध्वज दूसरे ध्वज के दस साल बाद यानी 1917 में घरेलू आंदोलन में डॉ एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक द्वारा फहराया गया |
चौथा ध्वज 1921 कांग्रेस पार्टी के एक सत्र के दौरान फहराया गया था | इस ध्वज में दो रंग थे जो hindu व् muslim धर्म का प्रतीक करते थे |
वर्ष 1931 में एक और ध्वज आया जो आज के समय के लघभग समान था | गाँधी जी के अनुसार चौथा ध्वज सिर्फ दो समुदायों का प्रतीक ही करता था, इसलिए इस ध्वज/flag को लाया गया | इस ध्वज में बीच में एक श्वेत पट्टी जोड़ी गयी तथा एक चरखा लगाया गया |
आजादी के समय अब देश के सामने एक ऐसे झंडे की जरूरत थी जो देश का प्रतीक बन सके | आखिरकार कांग्रेस के झंडे में ही परिवर्तन करके देश के प्रतीक और वर्तमान तिरंगे का निर्माण किया गया |
NOTE- चित्र स्त्रोत विकिपीडिया
तिरंगे के रंगों colours का महत्व Importance of tricolor :-
ऊपर की पट्टी में स्थित केसरया रंग साहस ,शक्ति शौर्ये ,को दर्शाता है |
सफेद रंग सुख शांति का प्रतीक है |
हरा रंग हरियाली ,खुशियाली ,वृध्दि व पवित्रता का प्रतीक है |
बीच में स्थित चक्र क्रियाशील ,एव गतिशीलता का प्रतिक है |
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ध्वज सहिंता झंडे को फहराने तथा इसको प्रयोग करने के निर्देश है
ध्वज फहराने के नियम Flag hoisting rules:-
अब कोई भी aam nagrik किसी भी अवसर पर tiranga फेरा सकता है बस इससे जुड़े नियमों का कडाई से तथा ध्यान पूर्वक पालन किया जाना चाहिए -
ध्वज की साइज का अनुपात 3:2 होना चाहिए |
कटा फटा झंडा या बगैर साइज़ का झंडा नहीं फहराना चाहिए |
अब ध्वज खादी khadi के आलावा पॉलिस्टर, ऊन, रेशम किसी का भी हो सकता है.
ध्वज़ मशीन से बना और हाथ से बना भी हो सकता है.
ध्वज को पर्दे के रूप में या ढकने के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है |
मंच पर झंडा/ tiranga फहराते समय झंडा फहराने वाले के दायी ऒर होना चाहिए |
किसी भी अन्य ध्वज को राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर नहीं फहराया जा सकता है |
तिंरंगे से जुड़े तथ्य Facts related to tricolor flag:-
- माउन्ट एवेरेस्ट पर तिरंगा 29 मई 1953 में फहराया गया |
- 14 नवंबर 2008 को तिरंगा चाँद पर भेजा गया |
- अंतरिक्ष में 1971 में ही झंडा पहुंच चुका था |
- तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति 2009 को मिली |
- 2001-2 में आम आदमी को भी झंडा फहराने की अनुमति मिल गयी |
- ध्वज को हर कोई नहीं बना सकता है इसे कर्नाटक में स्थित एक इकाई द्वारा बनाया जाता है |
- देश के शहीदों के शरीर पर ढके झंडे में केसरया रंग सिर की तरफ होता है तथा हरा रंग पैर की तरफ होता है |
आज के लेख में हम ने जाना -
राष्ट्रीय ध्वज rashtriye dhavj संहिंता क्या है ? tiranga fehrane ke niyam ?भारतीय तिरंगा bhartiye tiranga किस वयक्ति ने बनाया ? तिरंगे के रंगों colour का महत्व क्या है ?
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