कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई : कारगिल युद्ध का सम्पूर्ण इतिहास (Kargil Vijay Divas 26 July : history of the kargil war


कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई : कारगिल युद्ध का सम्पूर्ण इतिहास






कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को कारगिल में भारत की पाकिस्तान पर जीत की याद में मनाया जाता है | इस दिन युद्ध में शहीद हुए शहीदों को श्रदांजलि दी जाती है |


  • शहीदों का गुणगान किया जाता है, तथा नयी पीढ़ी को भारत के वीरों का पराक्रम बताया जाता है |
  • आइये जानते हैं कारगिल युद्ध के कारण के बारे में तथा भारतीय सेना के पराक्रम के बारे में जो हमें गर्व से भर देंगे -





आज के ब्लॉग में हम बात करेंगे -
कारगिल विजय दिवस क्यों मनाते हैं ?
कारगिल युद्ध का परिणाम ?
कारगिल युद्ध कारण ?
विजेता ?
तथ्य 





Source:- wikipedia


कारगिल युद्ध के कारण   Kargil war. :-


  • कारगिल युद्ध का सबसे बड़ा कारण पाकिस्तान के लगभग 5000 सैनिकों द्वारा कारगिल चोटी पर स्थित भारतीय चौकियों पर कब्जा कर लेना था |
  • हालांकि पाकिस्तान ने शुरुआत में युद्ध में खुद के सैनिक होना स्वीकार नहीं किया था तथा अपने ही सेनिको को कश्मीर की आजादी के लिए लड़ने वाले लड़ाके बताया था |
  • भारत के कुछ चरवाहों ने पाकिस्तान द्वारा भारतीय चौकियों पर कब्ज़े की बात भारतीय सेना को बताई थी जिसकी पुष्टि के लिए पेट्रोलिंग दल भेजा गया जिन्होंने कब्जे की बात की पुष्टि की |
  • इसके बाद भारतीय सेना ने अपना अभियान प्रारम्भ किया |






  • थल सेना ने ऑपरेशन विजय की शुरुवात की |
  • कुछ दिन के बाद ही भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन सफेद सागर की शुरुआत की |
  • 26 july 1999 को भारतीय सेना ने युद्ध में पूरी तरह विजय प्राप्त की |







कारगिल युद्ध की घटनाएँ क्रम से Kargil war events in sequence  :-


Source:-wikipedia

 कारगिल युद्ध लगभग दो महीने चला जिसकी शुरुवात 3 मई 1999 को हुई युद्ध में कई घटनाएँ हुई तथा भारतीय सैनिकों ने अपना पराक्रम दिखाया उन्ही कुछ घटनाओ में से कुछ अग्रेषित हैं -
  • -  युद्ध में भारतीय सेना ने मिग 27 और मिग 29 समेत कई मिसाइलों तोपों तथा मशीन गनो का इस्तेमाल किया था | यह दूसरे विश्व युद्ध के बाद इतनी संख्या में मिसाइलों तथा गोला बारूद का उपयोग करने वाला युद्ध था |

  • - चरवाहो से मिली जानकारी को भारतीय गश्ती दल ने पुष्टि की थी, अब भारत की सेना  ने युद्ध की तयारी आंरभ की तथा सरकार को अवगत कराया गया | सरकार से परमिशन मिलने के बाद युद्ध की शुरुवात की गयी |

  • - 9 मई 1999 को पाकिस्तान के सेनिको  द्वारा भारत की चौकियों का गोला बारूद नष्ट कर दिया गया तथा भारतीय सेनिको की जवाबी कार्यवाही लगातार चलती रही ,इसी बीच 26 मई को  भारतीय नौसेनिकों को भी युद्ध में भाग लेने तथा कारवाही के आदेश मिल गए |

  • - अगले ही दिन यानी 27 मई को भारत  ने मिग 27 और मिग 29 से दुश्मनों पर हमले शुरू कर दिए |

  • - 28 मई को भारत के एक हेलीकाप्टर पर हमला हुआ जिसमें 4 -5 जवान शहीद हो गए |

  • - अब युद्ध की खबरें मिडिया में प्रकाशित होने लगी थी ,खबरे दुनिया तक पहुंचने लगी थी लेकिन पाकिस्तान अब भी युद्ध में खुद का हाथ होने तथा अपनी फ़ौज से साफ़ इंकार कर रहा था 

  • - इसी बीच भारतीय फ़ौज ने 5 जून को पाकिस्तान से प्राप्त कुछ कागजों तथा सबूतों को मिडिया में प्रकाशित करवाया जिससे युद्ध में पाकिस्तान के सैनिक होने की बात साफ़ हो गयी | अब भारत धीरे धीरे अपना कब्जा वापस पा रहा था भारतीय सैनिक दुश्मन से लोहा ले रहे थे |

  • - 11 जून को भारत ने फिर से पाकिस्तान के खिलाफ सबूत पेश किये इस बार मिडिया में पाकिस्तान की फौज के आला अधिकारियों की बातचीत के रिकॉर्ड जारी किया जिससे अब युद्ध में पकिस्तान का हाथ होने की पुष्टि हो गयी |
  • - इधर भारत के सैनिक धीरे धीरे अपना अधिकार क्षेत्र लगातार भड़ा रहे थे उधर पूरी दुनिया को पकिस्तान की नापाक करतूत का पता लगने लगा था | 15 जून को अमेरिका के राष्टपति ने पाक पर दबाव बनाया और सेना को वापस बुलाने को बोला | लेकिन पाकिस्तान कब मानने वाला था वो अब भी साफ़ सुथरा बन रहा था | भारत के सैनिक लगातार अपनी जीत की और भड़ रहे थे |

  • - 29 जून तक भारत ने टाइगर हील की कई लोकेशन पर अपना अधिकार कर लिया था अब युद्ध अपने अंतिम चरण में जा रहा था |

  • -2 जुलाई को भारत के सैनिकों ने पाकिस्तान के सेनिको को घेर लिया था अब पाकितान में खलबली मचगयी थी | इसी बीच पाक के प्रधानमंत्री अमेरिका जा पहुंचे और मदद के लिए कहा लेकिन तब तक दुनियाँ सच्चाई जान चुकी थी | उल्टा अमेरिकी राष्टपति बिल कविंटन ने पाकितान को अपनी फौज को हटाने को कहा |

  • - अब पकिस्तान के पास कोई चारा नहीं बचा अगर युद्ध जारी रखे तो उसकी फौज का सफाया तय था ऊपर से अंतर्राष्टीय दबाव आखिरकार पाक के प्रधानमंत्री ने 5 जुलाई को अपनी सेना को पीछे हटाने का निर्णय लिया |

आखिकार भारत के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपयी जी ने 14 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में विजय की घोषणा कर दी |

धीरे धीरे स्थिति समान्य होती गयी तथा भारत का पूर्ण कब्जा हो गया | वाजपयी जी ने 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस घोषित किया






कारगिल युद्ध का परिणाम  Result of Kargil war:-


Source:-wikipedia



  • युद्ध में भारत की विजय हुई | पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी |
  • भारत में एक बार फिर 13 वी लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी प्रधानमंत्री बने |
  • पाकिस्तान की आर्थिक व् लोकतान्त्रिक स्थिति खराब हो गयी तख्ता पलट हो गया पाक फौज के प्रमुख परवेज़ मुशर्रफ अब पाकिस्तान के प्रमुख हो गए |
  • कई देशों ने पाकिस्तान की निंदा की, हालाँकि पाक के प्रधानमंत्री ने नहीं मना की उन्हें कुछ पता था यह लोग एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे |
  • जंग में भारत के 500 से अधिक सैनिक शहीद हुए जिन पर हम सबको आज भी नाज़ है और जिंदगी भर रहेगा |





शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले। 
वतन पर मरने वालो का यही निशां होगा। 

शहीदों को शत शत नमन.... जय हिन्द।




इस लेख में हमने जाना --
कारगिल विजय दिवस क्यों मनाते हैं कारगिल युद्ध का परिणाम कारगिल युद्ध कारण ?विजेता ?तथ्य 
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