क्राइस्ट द रिडीमर : प्रभु यीशु की प्रतिमा ( रियो डी जनेरियो ).
टेक्नोलॉजी की सहायता से हम मानव अपनी सभ्यता का लगातार विकास कर रहे हैं तथा इसके साथ साथ ही समय समय पर कई ऐसे काम मानवों द्वारा किए गए हैं, जो आश्चर्यों (miracles) से भरे हुए हैं या जिसे पूरा करना कभी असंभव सा काम होता था लेकिन लगातार प्रयास व मेहनत से इन सभी कामों को सरल साबित कर दिया गया है,
इन्ही असम्भव कामों में से कुछ को विश्व के साथ अजूबों में शामिल किया गया है|
उन्ही 7 ajoobo तथा आश्चर्यों (miracles) में शामिल एक प्रतिमा/murty जिसे क्राइस्ट द रिडीमर prabhu yishu ki pratima. का नाम दिया गया है |
तो आइए जानते हैं क्राइस्ट द रिडीमर prabhu yishu ki pratima /statue के बारे में कुछ रोचक जानकारियाँ -
आज के लेख में हम बात करेंगे -
प्रभु यीशु की सबसे बड़ी प्रतिमा ?
क्राइस्ट द रिडीमर का निर्माण क्यों किया गया ?
क्राइस्ट द रिडीमर का डिजाइनकर्ता?
प्रतिमा की ऊंचाई ?
क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति prabhu yishu ki pratima /statue :-
क्राइस्ट द रिडिमर |
यह प्रतिमा प्रभु यीशु की है, जो अब ब्राज़ील की पहचान बन गयी है | इसे करुणा की छवि kroona ki chavi. भी कहा जाता है |
यह ब्राज़ील के शहर रियो डी जैनरो में कोरकोवाडो नामक पहाड़ी पर स्थित है, इस पहाड़ी की उचाई 700 मीटर है |
प्रतिमा में प्रभु यीशु का दोनों हाथ फेलाना मानवों के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक है |
इस प्रतिमा ने ईसाई धर्म के प्रतीक के रूप में सारे विश्व में अपनी पहचान बनाने के साथ साथ विश्व के 7 ajoobe में भी शामिल होने का गौरव प्राप्त किया है |
क्राइस्ट द रिडीमर बनाने की योजना Plan to make christ the redeemer :-
prabhu yishu ki pratima के बनाने की योजना 1850 में आरम्भ हुई थी | 1850 में कैथोलिक मरिया बॉस ने इसाबेल (जो पुर्तगाल की राजकुमारी थी) से प्रतिमा के निर्माण के लिए कहा लेकिन इसाबेल ने इंकार कर दिया |1921 में रियो डी जैनरो के आर्च डियोसीज ने प्रतिमा statue बनाने के लिए दोबारा पहल की | आर्च डियोसीज ने स्मारक सप्ताह नामक कार्यक्रम का आयोजन किया इसमें मूर्ति statue बनाने हेतु चंदे की मांग हुई,जिसमें कैथोलिक समाज ने काफी चंदा दिया जिससे यह आश्चर्य miracles से भरा काम हो सका |
क्राइस्ट द रिडीमर का डिज़ाइन Design of christ the redeemer:-
प्रतिमा को बनाने के लिए डिजायनरों से डिजाइन मगवाये गए तथा अंत में प्रतिमा के लिए तीन डिज़ाइन सलेक्ट किये गए , अब इन तीन डिजाइनों में से एक डिजाइन को सलेक्ट करना था |
पहले डिजाइन में ईसा हाथ फैला कर खड़े थे, दूसरे में ईसा के हाथ में ग्लोब था तथा तीसरे में ईसा के साथ क्रॉस था |
अंत: में ईसा के हाथ फैला कर खड़ी प्रतिमा को चुना गया | इस डिज़ाइन को रियो डी जैनरो के रहने वाले इंजीनियर हीटर डॉ सिल्वा कोस्टा ने बनाया था |
बात पते की :- यदि जीवन में कुछ पाना है तो तरीके बदले इरादे नहीं |
क्राइस्ट द रिडीमर का निर्माण Creation of Christ the Redeemer :-
क्राइस्ट द रिडीमर prabhu yishu ki pratima /statue का निर्माण 1926 से शुरू हुआ और 1931 को यह प्रतिमा बनकर तैयार हुई |
इस प्रतिमा की उचाई 130 फ़ीट, चौड़ाई 98 फ़ीट, वज़न 635 टन हैं |
इस प्रतिमा को बनाने में लगभग ढाई लाख डॉलर का खर्च आया था |
यह प्रतिमा कॉन्क्रीट और सोपस्टोन से बनी हैं |
क्राइस्ट द रिडीमर तक पहुंचना Reaching christ the redeemer:-
क्राइस्ट द रिडीमर |
बात पते की :- उत्तम समय कभी नहीं आता समय को उत्तम बनाना पड़ता है |
क्राइस्ट द रिडीमर से जुड़े तथ्य facts :-
क्राइस्ट द रिडीमर को रूप देने का कार्य फ्रांसीसी स्मारक निर्माता पॉल लेण्ड़कोस्की ने किया |
किसी चित्रकार ने क्राइस्ट द रिडीमर पर सन 2010 में स्प्रे पेंटिंग कर दी थी जिसे तुरंत साफ़ किया गया |
क्राइस्ट द रिडीमर जीजस की पांचवी सबसे बड़ी मूर्ति हैं |
आज के लेख में हमने जाना -
प्रभु यीशु की सबसे बड़ी प्रतिमा ? क्राइस्ट द रिडीमर का निर्माण क्यों किया गया ? क्राइस्ट द रिडीमर का डिजाइनकर्ता ? प्रतिमा की ऊंचाई ?
आप को यह जानकारी कैसी लगी कमेंट कर जरूर बताये। ......
Your best teacher is your last mistake.
0 टिप्पणियाँ