माउंट एवरेस्ट: सबसे ऊंची चोटी। तथ्य।
- उचाईयां हर किसी को भांति है हर कोई व्यक्ति नयी उचाईयों तथा नए आयाम पर पहुंचने की लालसा रखता है , अर्थात उच्च पद व उच्च जगह पर पहुंचने की कोशिश करता है | चाहे कोई सांस्कारिक उचाई हो या साहसिक उचाई दोनों ही जगह कठिन परिश्रम व साहस की आवश्यकता पढ़ती है |
- माउन्ट एवरेस्ट पर चढ़ना साहस व खुद को साहासिक दिखाने का एक तरीका है | माउन्ट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊँची चोटी है जिस पर दुनिया का हर पर्वतरोही अपने जीवन में एक बार चढ़ना चाहता है तथा अपने साहस को दुनिया को दिखाना चाहता है |
- हर साल असंख्य लोग माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश करते हैं जिनमे कुछ सफल होते है कुछ नहीं। अनुमान के अनुसार इस पर्वत पर चढ़ने वाले दस व्यक्तियो में से एक वापस नहीं आ पाता है |
आइये जानते हैं माउन्ट एवरेस्ट के बारे मे ऐसी ही कुछ रोचक जानकारियों के बारे में जो आपको जरूर पसंद आएगी |
आज के ब्लॉग में हम बात करेंगे -
माउंट एवरेस्ट कौन से देश में है?
माउन्ट एवरेस्ट की ऊंचाई ?
माउंट एवरेस्ट का दूसरा नाम क्या है?
माउंट एवरेस्ट पर सबसे पहले कौन गया?
उदभव या उत्पत्ति?
माउन्ट एवरेस्ट Mount everest :-
यह पर्वत शिखर दुनिया का सबसे ऊँचा शिखर होने के साथ साथ हिमालय पर्वत श्रृंखला का भीं सबसे ऊँचा शिखर है |
इसकी उचाई 8848 m है जो फीट में 29029 फीट है |
माउंट एवेरेस्ट को पहले स्थानीय नाम से जाना जाता था |
नेपाल में इसे सागर माथा के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ होता है "स्वर्ग का शीर्ष "
तिब्बत में इसे चोमो लुग्मा के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ होता है "पर्वतो की रानी "
लेकिन बाद में एक ब्रिटिश सर्वेयर एंड्र्यू वॉ ने इसका नाम इंग्लैंड के वैज्ञानिक सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर एवरेस्ट रख दिया |
उदभव या उत्पत्ति Origin :-
भूवैज्ञानिकों के अनुसार हिमालय पर्वत श्रृंखला, भारत -ऑस्ट्रेलिया प्लेटों के एशियाई प्लेट में टकराने से बनी है |
हिमालय का प्रथम उत्थान 650 लाख वर्ष पूर्व हुआ था और मध्य हिमालय का उत्थान 450 लाख वर्ष पूर्व हुआ था |
हिमालय पर्वत श्रृंखला की ही सबसे ऊँची चोटी माउन्ट एवरेस्ट है |
बात पते की :- माना अँधेरा घना है पर दीपक जलाना कहाँ मना है
पीक 15 से माउन्ट एवरेस्ट बनने का सफर Journey from peak 15 to become mount everest :-
माउन्ट एवरेस्ट को पहले विश्व का सर्वोच्य शिखर नहीं माना जाता था, तथा ब्रिटिश सरवेयरों ने इसका नाम पीक 15 रख दिया था |
संशय होने के कारण सरवेयरों ने एक बार फिर 1855 के समय पर्वतों की ऊंचाई नापने की सोची | 1856 में ब्रिटिश इंडिया सर्वेयर द्वारा इसकी ऊंचाई 8840 m बताई गयी लेकिन इसमें भी अशुद्धियाँ थी |
बाद में उन्नत किस्म के उपकरणों द्वारा इसकी ऊंचाई 8848 m पायी गयी |
अब यह साबित हो चुका था के विश्व का सबसे ऊँचा शिखर कंचनजंगा नहीं बल्कि पीक 15 अर्थात माउन्ट एवरेस्ट है |
प्रथम प्रयास \प्रथम सफलता First attempt first success:-
माउन्ट एवरेस्ट पर चढाई के अब तक कई प्रयास किये गए हैं जिसमें से कुछ सफल हुए तथा कुछ असफल |
बात पते की :- हार व जीत हमारी सोच पर निर्भर होती है,मान लिया तो हार है ठान लिया तो जीत है |
माउन्ट एवेरेस्ट से जुड़े तथ्य facts :-
- एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचने के लिए 18 अलग अलग रास्ते हैं |
- सबसे आम रास्ता दक्षिणी कॉल है जो नेपाल में है |
- 2015 में नेपाल में आए भूकंप के कारण माउंट एवेरेस्ट पर चढ़ाई नहीं हो सकी थी |
- एवेरेस्ट पर लगभग 120 टन कचरा मौजूद है जिसमे से लगभग 400 से 450 किलोग्राम कचरा हटा दिया गया |
- जॉर्डन रोमेरो दुनिया के सबसे छोटे उम्र के पर्वतरोही है जिन्होंने 13 वर्ष की उम्र में एवेरेस्ट पर चढ़ाई की थी |
- युइचिरो मियूरा दुनिया के सबसे अधिक उम्र के व्यक्ति है जिन्होंने 80 वर्ष की उम्र में एवेरेस्ट फतह की |
- एवेरेस्ट को फतह करने वाले पहले भारतीय अवतार सिंह है |
- भारत की शिवांगी पाठक ने एवेरेस्ट चढ़ाई 17 वर्ष की उम्र में की |
आज के लेख में हमने जाना -
माउंट एवरेस्ट कौन से देश में है ? माउन्ट एवरेस्ट की ऊंचाई ? माउंट एवरेस्ट का दूसरा नाम क्या है?
माउंट एवरेस्ट पर सबसे पहले कौन गया? उदभव या उत्पत्ति?
आप को यह जानकारी कैसी लगी comment कर जरूर बतायें। ......
Your best teacher is your last mistake.
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