होली मनाने के विभिन्न तरिके types of holi in hindi


होली मनाने के विभिन्न तरिके types of holi in hindi 


होली(holi) को रंगों के त्योहार के रूप में जाना जाता है। यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा हर साल मार्च के महीने में जोश और उत्साह के साथ होली मनाई जाती है। जो लोग इस त्योहार को मनाते हैं, वे हर साल रंगों से खेलने और स्वादिष्ट व्यंजन खाने के लिए इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं।

हमारे देश के कई भागों में कई तरह से होली खेली जाती (Holi Manane Ka Tarika) हैं। आइये जानते हैं होली मनाने के विभिन्न तरिके (types of holi in hindi)




लट्ठमार होली (Lathmar Holi )


यह होली ब्रज के बरसाना क्षेत्र में सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। दरअसल लट्ठमार होली श्री कृष्ण के समय से खेली जा रही है ,ऐसा माना जाता है की गोकुल गांव के कृष्ण बरसाना की राधा से होली खेलने राधा जी के गांव जाते थे|  अठखेलियाँ करते हुए तब वहां की महिलाएं उन्हें लट्ठ मार कर भगा देती थी। तभी से lathmaar holi आज तक बरसाना के महिला पुरुष खेलते हैं | 

महिलाएं उन पर एक बड़े लट्ठ से वार करती हैं वहीं पुरुष ढाल के माध्यम से स्वयं को बचाते हुए नज़र आते हैं।और राधे राधे का गुणगान करते है | 



फूलों की होली (Phoolon Ki Holi)

यह होली तो लग़भग हर जगह ही बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ खेली जाती हैं। कई कार्यक्रमों, मंदिरों, में पुष्प होली खेली जाती हैं। इसमें सभी लोग एक-दूसरे के ऊपर रंग नही बल्कि फूल फेंकते हैं और होली का आनंद उठाते हैं।




लड्डुओं की होली (Laddu Maar Holi)
लड्डुओं की होली भी ब्रज क्षेत्र की ही प्रसिद्ध है | ब्रज क्षेत्र की लड्डुओं की होली मंदिरों में खेली जाती हैं। इसमें पंडित जी भक्तों पर लड्डुओं की बरसात करते हैं। सभी भक्तों में उन लड्डुओं को पकड़ने और खाने की होड़ और उल्लास देखने को मिलता है | 


पत्थरों की होली (Pattharon Ki Holi)
यह होली  का एक खतरनाक रूप है जिसे राजस्थान के बाड़मेर और डूंगरपुर जिलों में आदिवासियों  के द्वारा खेली जाती है। इसमें उनके पारंपरिक गीत चलाये जाते हैं और ढोल-नगाड़े बजाये जाते हैं। दो गावों के लोग एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े हो जाते हैं और पत्थर की बरसात करते हैं। कई बार पत्थरों की होली खेलने से यह लोग घायल भी हो जाते हैं ,मगर इन लोगों का उत्साह कम नहीं होता है | 

ढोल की थाप और आवाज़ तेज होती जाती हैं वैसे ही एक-दूसरे पर पत्थर चलाने का सिलसिला भी तेज होता जाता हैं। पत्थरों की मार से बचने के लिए लोग सिर पर हेलमेट तक पहनते हैं। लेकिन वास्तव में पत्थरों की होली कई बार खतरनाक हो जाती है | 


कपड़ा-फाड़ होली (Kapda Faad Holi)
यह होली मुख्यतया बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य में प्रसिद्ध हैं। इसमें लोग होली खेलते हुए एक-दूसरे के पहने हुए कपड़े, कुर्ता इत्यादि फाड़ देते हैं। इस होली को कुर्ता फाड् होली भी कहा जाता है |  


देवर भाभी होली (devar bhabhi holi )
देवर भाभी होली मुख्यतया हरियाणा राज्य में खेली जाती है। यह एक भाभी-देवर के बीच खेली जाने वाली होली होती हैं। इसमें देवर अपनी भाभी को रंग लगाने का प्रयास करते हैं तो वही भाभियाँ अपने देवर पर लाठी चलाती हैं। देवरों को लाठी के वार से बचकर अपनी भाभी को रंग लगाना होता हैं।


कीचड़ की होली (Kichad Ki Holi)
कीचड़ से होली खेलना होली खेलने का एक अजीब ही तरीका है | यह होली खेलना बहुत लोग पसंद नही करते होंगे लेकिन कुछ लोगों को ऐसे होली खेलने में बहुत आनंद भी आता हैं। इसमें लोग एक-दूसरे को कीचड़ में फेंकते  हैं। सभी लोग बुरी तरह से कीचड़ में लोटपोट हो जाते हैं और होली का आनंद उठाते हैं।



टमाटर की होली (Tamatar Ki Holi)



स्पेन देश की इस होली में सभी लोग एक-दूसरे के ऊपर टमाटर फेंकते हैं और होली खेलते हैं। लेकिन स्पेन के आलावा यह हमारे भारत के असम राज्य के गुवाहाटी शहर में भी खेली जाती है। इसमें सभी लोग एक जगह एकत्रित होकर एक-दूसरे पर टमाटरों की बारिश कर देते हैं।टमाटर की इस होली में ज्यादातर खराब हो चुके या ख़राब होने वाले टमाटर का उपयोग किया जाता है | 


चंग व गीदड़ होली 
चूड़ीदार पायजामा-कुर्ता या धोती-कुर्ता पहनकर कमर में कमरबंद और पाँवों में घुंघरू बाँधकर ‘होली’ के दिनों में किये जाने वाले चंग नृत्य के साथ होली के गीत भी गाये जाते हैं। प्रत्येक पुरुष चंग को अपने एक हाथ से थामकर और दूसरे हाथ से कटरवे का ठेका से व हाथ की थपकियों से बजाते हुए वृत्ताकार घेरे में सामूहिक नृत्य करते हैं ,साथ में बांसुरी व झांझ बजाते रहते है व पैरो में बंधे घुंघरुओं से रुनझुन की आवाज निकलती रहती है। भाग लेने वाले कलाकार पुरुष ही होते हैं, किंतु उनमें से एक या दो कलाकार महिला वेष धारण कर लेते हैं, जिन्हें ‘महरी’ कहा जाता है।



डोलची होली 
यह होली एक अनूठे रूप में खेली जाती है। यहां दो गुटो में पानी डोलची होली खेली जाती है। जहां चमड़े की बनी डोलची में पानी भरकर एक-दूसरे गुटों पर डाला जाता है। 


गोटा गैर 
गोटा गैर होली में वैसे तो कुछ खास नहीं होता लेकिन इसमें पुरूष मंडली समूह में हाथों डंडे लेकर नृत्य करते हैं। हालांकि अब इस परंपरा से नया चलन आ गया है।


कंडों की राड़ 
कहा जाता है ये होली गोबर कंडों की राख से खेली जाती है।






दोस्तों यह थे होली मनाने के विभिन्न तरीके जो लोगों की अलग अलग परम्पराओं को दर्शाते हैं 
तो जब होली का समय हो, तो कृपया अपने आप को पीछे न रखें और त्योहार से जुड़ी हर छोटी-बड़ी परंपरा में पूरे जोश के साथ भाग लेकर पूरे उत्साह के साथ त्योहार का आनंद लें।



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