सांभर झील Sambhar salt Lake.
- मेहमान नवाजी और राजसी ठाठ बाठ के लिये मशहूर भारत के राज्य राजस्थान की बात की जाये तो हमारे मन में सबसे पहले यहाँ का रेगिस्तान, यहाँ की मिटटी धोरे तथा यहाँ के तीज त्यौहार ,पकवान घेवर , जलेबी आदि नजर आते हैं तथा स्वाद को भड़ाते हैं |
- यह सभी देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं तथा उनकी ज़बान का जायका भी भड़ाते हैं |लेकिन देश के खाने के स्वाद में भी राजस्थान का अपना योगदान है |
- यहाँ पर देश की दूसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील उपस्थित है | जो पक्षियों की अचानक मोत के कारण चर्चा में रही है | आइये जानते हैं सांभर झील के महत्व के बारे में तथा पक्षियों से जुडी इस बीमारी के बारे में -
आज के लेख में हम बात करेंगे -
साम्भर झील में पक्षियों की मोत का कारण
साम्भर के दर्शनीय स्थल
साम्भर झील की पौराणिक मान्यताएँ
साम्भर झील की स्थिति
साम्भर झील की स्थिति Sambhar lake status :-
साम्भर झील समुन्द्र तल से 1200 फुट की ऊंचाई पर स्थित है तथा इसका क्षेत्रफल 90 वर्गमील में फैला हुआ है
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सांभर झील ( चित्र विकिपीडिआ )
राजस्थान की राजदानी जयपुर से 80 किमी दूर स्थित है जहाँ आसानी से जाया जा सकता है |
साम्भर झील में चार नदिया अपना पानी लेकर आती है जो मेंथा नदी ,रूपगढ़ ,खारी ,तथा खंडेला नदियाँ हैं |
साम्भर झील की पौराणिक मान्यताएँ Mythological beliefs of Sambhar lake:-
- मान्यताओं के अनुसार चौहान राजपूतों की रक्षक देवी शाकम्भरी देवी जी ने यहा पर स्थित वनों को चांदी के एक क्षेत्र में बदल दिया था | लेकिन चांदी के लालच में होने वाले लड़ाई झगड़े से लोगो ने देवी जी से प्राथना की थी की अपना वरदान वापस लें |
- जिसके बाद शाकम्भरी देवी ने अपना वरदान वापस ले लिया वहाँ पर मौजूद चांदी को नमक में बदल दिया |
- मान्यता है की वहा व्ही नमक है |
साम्भर झील नमक का वैज्ञानिक तथ्य Scientific facts of Sambhar lake salt :-
अनुमान है की यहाँ मौजूद नमक अरावली पर्वत के शिष्ट और नाइस के गर्तो अथवा गड्ढो में भरा गाद है |
यह गाद पानी के साथ साथ यहां आकर जमा हो गया और धीरे धीरे पानी के वाष्पीकरण मतलब भाप बनकर उड़ जाने के कारण यहां नमक बचता गया जो आज भी जारी है |
यहां पर केंद्र और राज्य सरकार के कई प्लांट लगे हैं जो नमक को निकालकर रिफाइन करते हैं |
साम्भर के दर्शनीय स्थल Sambhar sightseeing:-
पर्यटन के विकास हेतु यहाँ पर अंग्रेजों ने म्यूजियम बनाया जो साल्ट म्युसियम के नाम से जाना जाता है |
यहाँ चौहानों की कुल देवी शाकम्भरी माता का मंदिर है | इसके आलावा मुगलों के समय की नालीसर मस्जिद स्थित है |
यह व्ही जगह है जहाँ अकबर की शादी हुई थी |
संत दादू की भूमि भी यही रही है| कई तीर्थ स्थल भी है जिसके कारण इसको तीर्थो की नानी कहा जाता है |
यहाँ कई स्थान ऐसे भी हैं जहाँ बॉलीवुड फिल्मो की शूटिंग भी हुई है | जिसमें पीके ,रामलीला ,जोदा अकबर,द्रोणा ,वीर ,आदि प्रमुख है |
साम्भर झील में पक्षियों की मोत का कारण The reason for the death of birds in Sambhar lake :-
साम्भर झील में अचानक ही पक्षियों की लाशे दिखाई देने लगी कुछ पता नहीं चल रहा था की अचानक पक्षी क्यों मर रहे है फिर कई दिन जाँच के बाद पता चला की इसका कारण बेक्टेरिया से होने वाली बीमारी एवियन बोटोलिस्म रहा है |
एवियन बोटोलिस्म का बेक्टेरिया अक्सर मछलियों की प्रजाति में पाया जाता है | मछलियों को खाने तथा इस पानी से जुड़े रहने के कारण यह जलपक्षी में भी हो जाता है कारण पक्षियों की दम घुटने से मोत हो जाती है |
अच्छी बारिश के कारण झील भर गयी थी फिर झील में धीरे धीरे पानी कम होने लगा तो इसमें मौजूद सूक्ष्म जीव मरने लगे जिनको खाने के बाद पक्षियों की मोत होने लगी |
साम्भर झील से जुड़े तथ्य facts :-
- देश के नमक में 8.7 % योगदान साम्भर झील का होता है |
- रेगिस्तान में खारे पानी की झील को प्लाया कहा जाता है |
- सांभर झील पक्षियों की त्रासदी में लघभग 18000 देशी विदेशी पक्षी मारे गए |
- साम्भर झील जयपुर ,अजमेर ,नागौर जिलों की सीमा पर स्थित है |
आज के लेख में हमने जाना -
साम्भर झील में पक्षियों की मोत का कारण ? साम्भर के दर्शनीय स्थल? साम्भर झील की पौराणिक मान्यताएँ ? साम्भर झील की स्थिति ?
आप को यह जानकारी कैसी लगी comment कर जरूर बताये। ....
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